रायपुर/पटना: बिहार के रोहतास जिले के रेड लाइट एरिया में छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग लड़कियों को बचाया गया है। इन लड़कियों को ऑर्केस्ट्रा में डांस कराने के बहाने वहां ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को कुछ दिनों पहले सूचना मिली थी कि रोहतास के रेड लाइट एरिया में छत्तीसगढ़ की कई नाबालिग लड़कियां फंसी हुई हैं। इसके बाद बिहार और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर इन लड़कियों को मुक्त कराया। छानबीन में सामने आया कि इन लड़कियों को 30 से 40 हजार रुपये कमाने का लालच देकर बिहार बुलाया गया था।
पीड़ित लड़कियों की दर्दभरी कहानी
रेस्क्यू की गईं लड़कियों ने बताया कि उन्हें नाच-गाने के कार्यक्रमों में काम दिलाने का वादा किया गया था, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपी लड़कियों को झांसा देकर बिहार लाते थे और उन्हें जबरन इस घिनौने धंधे में धकेल देते थे।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
इस मामले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ जारी है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस घटना को लेकर राज्यभर में जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
राजनीतिक हलचल और SIT की मांग
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और मामले की गहराई से जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) के गठन की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और गायब हो रही लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
मानव तस्करी पर बढ़ती चिंता
यह घटना मानव तस्करी और नाबालिगों के शोषण की गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को ऐसे गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।
निष्कर्ष: यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना होगा। पुलिस की इस कार्रवाई से कई मासूम बच्चियों को बचा लिया गया, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी इस तरह की घटना का शिकार न हो।