गंगरेल डैम का परिचय
गंगरेल डैम, जिसे रविशंकर सागर बांध के नाम से भी जाना जाता है, छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित है। इसे महानदी पर बनाया गया है और इसकी लंबाई लगभग 1,830 मीटर है, जो इसे प्रदेश का सबसे लंबा बांध बनाती है। इस बांध का निर्माण 1979 में किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और बिजली उत्पादन है।
पर्यटन का प्रमुख केंद्र
गंगरेल डैम छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध पिकनिक और पर्यटन स्थल है। यहाँ आने वाले पर्यटक नौकायन, वाटर स्पोर्ट्स और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हैं। बांध का विशाल जलाशय हरियाली से घिरा हुआ है, जहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनमोहक लगता है। खासकर बरसात के मौसम में जब डैम पूरी तरह भर जाता है, तो इसका नजारा देखने लायक होता है।
जलविद्युत और सिंचाई
यह डैम राज्य के किसानों के लिए भी जीवनरेखा है। यहां से निकलने वाली नहरों से धमतरी और आसपास के जिलों की हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। साथ ही, यह डैम छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी के लिए बिजली उत्पादन का भी महत्वपूर्ण साधन है।
क्यों खास है गंगरेल डैम?
- छत्तीसगढ़ का सबसे लंबा बांध।
- प्रमुख सिंचाई और बिजली उत्पादन का साधन।
- वाटर स्पोर्ट्स और नौकायन की सुविधा।
- प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली से भरपूर।
- पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए पसंदीदा पिकनिक स्थल।
निष्कर्ष
गंगरेल डैम न केवल छत्तीसगढ़ की कृषि और बिजली जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि यह राज्य के पर्यटन को भी एक नया आयाम देता है। इसकी भव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर आप छत्तीसगढ़ घूमने की योजना बना रहे हैं तो गंगरेल डैम को अपनी सूची में जरूर शामिल करें ।