वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कंटेंट क्रिएटर पारंपरिक केरल साड़ी पहने बस की सीट पर बैठी हुई है। उसके बगल में बैठे अधेड़ उम्र के व्यक्ति को बार-बार उनकी ओर घूरते हुए साफ़ देखा जा सकता है।
महिला की प्रतिक्रिया
वीडियो में कंटेंट क्रिएटर ने साफ़ कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति को ये एहसास भी दिलाया कि उसकी हरकत उन्हें समझ आ रही है। इसके बावजूद उस व्यक्ति ने अपनी नज़रें हटाने के बजाय अपनी हरकत जारी रखी। अंततः महिला ने स्थिति को संभालते हुए बस से उतर जाना ही बेहतर समझा।
सोशल मीडिया पर पोस्ट
कंटेंट क्रिएटर ने इस घटना को अपने मोबाइल फ़ोन में रिकॉर्ड कर लिया और अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया। पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा –
"अगर तुम मेरी तरफ़ ग़लत नज़र से देखोगे तो तुम्हारी आँखें बाहर आ जाएंगी। मैंने ये कहा और फिर बस से उतर गई। मैं ये वीडियो इसलिए साझा कर रही हूँ क्योंकि कुछ लोग कहते हैं कि ड्रेसिंग में दिक़्क़त है। लेकिन इस वीडियो में मैं पूरी तरह ढकी हुई और शालीन कपड़े पहने हुई हूँ।"
समाज के लिए संदेश
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा केवल उनके पहनावे से नहीं, बल्कि समाज की सोच में बदलाव से ही सुनिश्चित हो सकती है। महिला ने अपने साहस और दृढ़ता से यह संदेश दिया कि महिलाओं को किसी भी परिस्थिति में चुप नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी आवाज़ उठानी चाहिए।
लोगों की प्रतिक्रियाएँ
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इस कंटेंट क्रिएटर का समर्थन किया। कई यूज़र्स ने लिखा कि यह साहसिक कदम है और महिलाओं को इस तरह की घटनाओं को उजागर करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।
निष्कर्ष: कोच्चि की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि शालीन कपड़ों के बावजूद महिलाओं को छेड़छाड़ और गलत नज़रों का सामना करना पड़ता है। समाज को यह समझना होगा कि समस्या पहनावे में नहीं बल्कि मानसिकता में है।