लखनऊ | दुबग्गा थाना क्षेत्र
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक बार बलात्कार की शिकार हो चुकी महिला को उसी आरोपी ने जेल से छूटने के बाद दोबारा किडनैप कर रेप किया, और फिर हाथ-पैर बांधकर झाड़ियों में फेंक दिया। यह मामला न्यायिक प्रणाली, पुलिस और समाज – तीनों के ज़मीर पर सवाल खड़े करता है।
📍 पहले किया था केस दर्ज
पीड़िता ने पहले भी आरोपी अंशू मौर्य के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए अंशू को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
लेकिन...
⚖️ "दयालु" जज साहब की जमानत
कुछ ही समय में कोर्ट से अंशू को जमानत मिल गई।
जैसे ही वह बाहर आया, उसने पीड़िता से बदला लेने की योजना बनाई।
🚨 दूसरी बार शिकार बनी महिला
- अंशू मौर्य ने पीड़िता को किडनैप किया
- फिर दूसरी बार उसके साथ बलात्कार किया
- इसके बाद उसे सुनसान इलाके में हाथ-पैर बांधकर झाड़ियों में फेंक दिया
- स्थानीय लोगों ने झाड़ियों में महिला को बेसुध अवस्था में देखा और पुलिस को सूचना दी
- पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया और फिर से अंशू मौर्य के खिलाफ केस दर्ज किया
❗ सवाल गंभीर हैं...
- एक बार दुष्कर्म कर चुका आरोपी कैसे आसानी से जमानत पर छूट गया?
- पुलिस ने उसकी बेल के बाद निगरानी क्यों नहीं की?
- क्या हमारी जांच और न्याय व्यवस्था इतनी लचर है कि शिकार को दोबारा शिकार बना दिया जाए?
🧭 हमारी न्याय प्रणाली को खुद से सवाल करना होगा
हर बार पुलिस, कोर्ट और समाज से चूक होती है, और उसकी कीमत एक महिला को चुकानी पड़ती है।
यह सिर्फ एक केस नहीं, एक तंत्र की विफलता है।