केदारनाथ (उत्तराखंड)। बाबा केदार की पवित्र भूमि पर शनिवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। एम्स ऋषिकेश का एक हेलीकॉप्टर, जो एक मरीज को एयरलिफ्ट करने के लिए केदारनाथ की ओर जा रहा था, उसे तकनीकी खराबी के चलते हेलीपैड से लगभग 20 किलोमीटर पहले आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी।
हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा टूटा, सवारों को नहीं आई चोट
आपात लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर अनियंत्रित होकर ज़मीन पर गिर पड़ा, जिससे उसका पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि हेलीकॉप्टर में मौजूद पायलट और दो डॉक्टर पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है।
मरीज को लाने पहुंचा था एम्स का विमान
एम्स ऋषिकेश की ओर से मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए विशेष हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाती है। यह विमान केदारनाथ से एक गंभीर मरीज को लाने के लिए रवाना हुआ था, लेकिन उड़ान के दौरान संभावित तकनीकी समस्या या मौसम की खराबी के कारण इसे लैंड कराने का फैसला लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, इमरजेंसी लैंडिंग एक कठिन भू-भाग में की गई, जिससे हेलीकॉप्टर की लैंडिंग प्रक्रिया असामान्य रही और विमान का संतुलन बिगड़ गया।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
गौरतलब है कि केदारनाथ क्षेत्र में ऊंचाई और मौसम की अनिश्चितता के कारण पहले भी हेलीकॉप्टर सेवाएं कई बार बाधित हुई हैं। कुछ दिन पहले भी एक विमान की आपात लैंडिंग करवाई गई थी, जिससे इस क्षेत्र में उड़ानों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और नागरिक उड्डयन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और जांच शुरू कर दी गई है। तकनीकी विशेषज्ञ यह पता लगाने में जुटे हैं कि इमरजेंसी लैंडिंग की असली वजह क्या थी — तकनीकी खराबी, मौसम, या कोई मानवीय चूक।
📌 मुख्य तथ्य:
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ऋषिकेश एम्स का हेलीकॉप्टर केदारनाथ में दुर्घटनाग्रस्त
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हेलीपैड से 20 किमी पहले की गई इमरजेंसी लैंडिंग
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हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा टूटा
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पायलट और दो डॉक्टर सुरक्षित
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जांच के आदेश, एयरलिफ्ट सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल