आंध्र प्रदेश के ओंगोले में एक अनोखा और भावुक कर देने वाला विवाह समारोह देखने को मिला। Surya Sri Charitable Trust के सहयोग से दो differently-abled (विकलांग) जोड़े विवाह के पवित्र बंधन में बंधे। यह आयोजन केवल एक साधारण शादी नहीं थी, बल्कि समाज में प्रेम, समानता और संवेदनशीलता का संदेश देने वाला एक अद्भुत उदाहरण बन गया।
समाजसेवा की मिसाल
इस शादी का आयोजन Surya Sri Charitable Trust ने पूरी तरह से सामाजिक सहयोग और परोपकार की भावना से किया। ट्रस्ट का उद्देश्य था कि शारीरिक रूप से अक्षम लोग भी समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर अपनी नई जिंदगी का आरंभ सम्मान और खुशी के साथ कर सकें। विवाह समारोह में स्थानीय लोग, समाजसेवी और कई प्रतिष्ठित अतिथि शामिल हुए और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
भव्य और भावनात्मक समारोह
शादी के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया। दोनों जोड़े दूल्हा-दुल्हन के परिधानों में सजे-धजे नज़र आए। मंच को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया था, जिससे माहौल पूरी तरह उत्सवमय बन गया। मेहमानों ने तिलक, मंगलगीत और आशीर्वाद के साथ जोड़ों का स्वागत किया। उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट और मुस्कान के साथ इस अनूठी शादी का हिस्सा बनकर इसे ऐतिहासिक बना दिया।
नई जिंदगी की शुरुआत
नवविवाहित जोड़ों ने अपने जीवन के इस नए अध्याय की शुरुआत करते हुए कहा कि यह दिन उनके लिए सपनों से भी बढ़कर है। उन्हें उम्मीद है कि समाज उन्हें समान अवसर और सम्मान देगा, ताकि वे आत्मनिर्भर होकर अपनी राह बना सकें।
संदेश पूरे समाज के लिए
यह विवाह समारोह समाज को यह संदेश देता है कि विकलांगता जीवन की सीमाएँ तय नहीं करती। सच्चा प्यार, साथ और सहयोग किसी भी कठिनाई को आसान बना सकता है। ऐसे आयोजनों से न केवल विकलांग जनों को आत्मबल मिलता है, बल्कि समाज में जागरूकता और समानता की भावना भी मज़बूत होती है।